Not known Details About Shodashi
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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
सौवर्णे शैलशृङ्गे सुरगणरचिते तत्त्वसोपानयुक्ते ।
Shodashi is deeply connected to The trail of Tantra, wherever she guides practitioners toward self-realization and spiritual liberation. In Tantra, she's celebrated given that the embodiment of Sri Vidya, the sacred understanding that contributes to enlightenment.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥
She will be the one having Serious attractiveness and possessing energy of delighting the senses. Remarkable intellectual and psychological admiration in the a few worlds of Akash, Patal and Dharti.
सर्वज्ञादिभिरिनदु-कान्ति-धवला कालाभिरारक्षिते
सेव्यं गुप्त-तराभिरष्ट-कमले सङ्क्षोभकाख्ये सदा ।
दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
Goddess Tripura Sundari is also depicted as a maiden putting on fantastic scarlet habiliments, darkish and very long hair flows and is totally adorned with jewels and garlands.
श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् more info ॥१७॥
वन्दे वाग्देवतां ध्यात्वा देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१॥
श्रीमत्सिंहासनेशी प्रदिशतु विपुलां कीर्तिमानन्दरूपा ॥१६॥